1. |
Bemisaal
08:38
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किस जन्नत के कस्बेह में दबें हैं?
किस अंजुम में शामिल हैं
जिनका कोई पता नहीं?
कौन हैं वो जिनका कोई पता नहीं?
किस दरिये के तले साय में मकां है उनका?
दरिये से पूछा तो, दरिया बोले
दरिया बोले
झूमता जा जा रे झूमता जा जा रे झूम
कतरा बोले
झूमता जा जा रे झूमता जा जा रे झूम
ये जहाँ साजे
बुनता जा जा रे बुनता जा जा रे धुन
बेमिसाल होले
झूमता जा जा रे झूमता जा जा रे झूम
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2. |
Dhuaan
06:04
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जो शमअ जली थी, बुझ के राख हुई है
पर धुआँ चला है, जू-ए-शीर सा
गुल को छूके गुलबदन सी आस ले कर
सामने खड़ा है, इक फ़कीर सा
कासे में अश्क़, कफ़ में आईना ले कर
पनाह को निहारे, राहगीर सा
चाँद की सबा में, चाँदनी पनाह है
ख़्याल में मिला, तो तस्वीर था
शब-ए-इत्तिफ़ाक़ में बना धुआँ है
आँख जो खुली, तो तक़दीर था
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3. |
Pardaa-Poshi
04:10
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मुद्दा-ओ-मकासिद
ना समझा मुनासिब
परदा-पोशी पर्चे
पर लिखा है
की आप आयंगे
तो घर आयगी
तस्वीर-ए-ताबीर,
गुज़रेगा वीराना
अब जब पता ही नहीं
कुछ कि क्या है मालूम
तो बोलें भी तो क्या
क्या बोलें ?
तो बोलें भी तो क्या
क्या बोलें ?
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4. |
Yaar Ka Khat
01:46
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यार का खत एक बार मिला
कोरा कागज़ न सिला न गिला
मुस्कुराहट
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5. |
Beparwah
08:36
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सुन सुन कर कोर सदी में आए, दुरंगा क़ोहसार
ना माँगी धूप, ना दुआबा ना परवरदिगार
परदाह-दार ए हुमको फ़िकर नहीं, तू जां निसारने को आ
ना तेरा आना हुमको लाज़िम, ना बिरहा, ना बिरहा
कह कह कर कोर सदी में लाए, दुरंगा असरार
इक आँख में थे तो खुद थे, इक में आँख-ए-आबशार
बे-परदाह हैं हम बे-सुध हैं, निगाह-ए-बुत से लापता
बे-वजह हैं हम बे-खुद हैं, बे-परवाह बे-परवाह
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6. |
Faraag
05:23
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गुरूर है इतना अपनी बाहों का
तो क्यूँ ना आहें भरें, क्यूँ ना सर पर गिरें?
गर हम आब-ए-ज़र के पर्दे में
लिपट गये हैं तो रेहने दो
गर कुल्फ़त हवा को छेड़ा है
तो फ़िर याद करें? कि आहें भरें?
क्यूँ ना रेहमत है तो रेहने दो
कल मैदां-ए-फ़लक में बहार है
गर कल खार ज़ुबां में हो आतिश
मीं के कूचे में गुबार है
गर कल आब-ए-ज़र से दम निकले
तो कल फ़ुर्सत है, फ़राग है
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7. |
Khwaab
05:44
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ख्वाब है जैसे गीली मिट्टी का पत्थर
दिल से जां में मू-बमू मक़बूल हो जाता है
दर पे आए आने दो, नुख़्तचीं मुखालिफ़
राज़-ए-ख़ास बनाया है उसको हमने ख्वाब में
मिट्टी है राज़-ए-रूह, धुल के लहू हो जाता है
गवाह-ए-आस बनाया है उसको हमने ख्वाब में
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8. |
Savera
02:52
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सवेरा सवेरा सवेरा
सवेरा सवेरा सवेरा
ये जहाँ है बुज़दिल अन्धेरा
अन्धेरा है फ़िर है सवेरा
परिन्दों के खातिर जो खुद से लड़ा है
परिन्दों के गिरीबां पे आ जो पड़ा है
वो निशान कातिल है मेरा
वो गुल जो गुलिस्तां में आखिर खुला हैै
धुंदलके की मौजों का जैसे धुला है
मेरा तन - ओ - दिल - ओ - बसेरा
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9. |
Dil
03:51
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नूर - ओ - ज़ुल्मत
वस्ल - ओ - फ़ुर्कत
अज़ल - ओ - अबद
सारे मेरे दिल के अन्दर
सारी दुनिया के
साज़ - ए - नफ़्रत
- ओ - मोहब्बत
सारे मेरे दिल के अन्दर
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10. |
Haaye Rabba
07:49
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हाय रब्बा हाय रब्बा हाय रब्बा
जाने क्या होगा
हाय रब्बा हाय रब्बा
कल किसने देखा
हाय रब्बा हाय रब्बा हाय रब्बा
जाने क्या हुआ था
हाय रब्बा हाय रब्बा
कल किसने देखा
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11. |
Waqt
11:48
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किधर है कहां है जो अब है यहां है
कहते हैं जाम - ए - अब में जिगर है जहां है
जाम होटों को छूले तो फ़िर यां है न वां है
आस मांगे ना फ़िर कोइ आस्मां है
आस्मानों की दिल-ख्वाह मैकशी बे-पायां है
पास जाकर जो देखा साकी खुद में रवां है
छश्म - ए - चौखट से देखा तो धुआँ ही धुआँ है
कोह - ए - आतिश से देखा दुनिया अब्र - ए - रुआं है
वो कौन उसे काटे खुद जो कातिल नुमा है
किस एक पल में डुबाऊं वक़्त रैनी कुआं है
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